लखनऊ। यूपी में संस्कृत शिक्षा (Sanskrit Education) को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार नए संस्कृत कॉलेज ( Sanskrit colleges) खोलने जा रही है। इसके लिए पहल शुरू हो गई है।
संस्कृत शिक्षा को लेकर यूपी सरकार यह बड़ी पहल करने जा रही है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ महेंद्र देव ने जिला विद्यालय निरीक्षकों (DIOS) को पत्र लिख कर कहा है कि अपने जिले में सरकारी संस्कृत विद्यालयों के लिए जमीन चिह्नित करें। इसके बाद विभाग को इसके लिए इरादतन तैयार कर भेजें। अभी दो दर्जन संस्कृत विद्यालयों की बात की गई है पर इसकी संख्या अधिक भी हो सकती है।
दरअसल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने हाल ही में संस्कृत शिक्षा (Sanskrit Education) को बढ़ावा देने के लिए बैठक की थी। इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ संस्कृत बोर्ड के अधिकारी भी शामिल थे। इसमें इस बात का भी निर्देश दिया गया था। उसके बाद इसको लेकर पहल तेज हुई। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को कहा है कि ऐसी जमीन चिह्नित करें।
यूपी में संस्कृत विद्यालयों की संख्या करीब 1246 है, लेकिन सरकारी संस्कृत विद्यालय सिर्फ 2 हैं। इनमें से एक भदोही में और एक चंदौली में है। इसके अलावा सरकार 973 एडेड संस्कृत विद्यालयों को अनुदान भी देती है।अन्य विद्यालय प्राइवेट हैं जो निजी स्तर कर लोग या ट्रस्ट चलाते हैं।
अब सरकारी विद्यालयों की संख्या बढ़ाने की पहल की गई है। फिलहाल इसकी कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गयी है लेकिन माना ये जा रहा है कि दो चरणों में संस्कृत विद्यालय खोले जाएंगे जहां इंटरमीडीएट तक पढ़ाई होगी। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और संस्कृत विद्यालयों की पढ़ाई में एकरूपता के लिए वर्ष 2000 में संस्कृत शिक्षा बोर्ड का गठन किया गया था। सभी संस्कृत विद्यालय इससे सम्बद्ध हैं।