विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने स्नातक और स्नातकोत्तर की छात्राओं को भी मातृत्व अवकाश देने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ऐसी छात्राओं को उपस्थिति, परीक्षा आवेदन पत्र भरने आदि की समय-सीमा में भी छूट मिलेगी।
अब तक एमफिल और पीएचडी की छात्राओं को ही मिलती थी यह सुविधा
यूजीसी नियमन 2016 के तहत अब तक एमफिल और पीएचडी की छात्राओं को ही 240 दिन का मातृत्व अवकाश मिलता है। यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से मंगलवार को सभी विश्वविद्यालयों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि एमफिल और पीएचडी की छात्राओं की तरह स्नातक और स्नातकोत्तर की छात्राओं को भी मातृत्व अवकाश दें।
स्मृति ईरानी ने बदली थी व्यवस्था |
एमफिल-पीएचडी कर रही छात्राओं की शादी होने के बाद शहर बदलने पर वो बीच में ही इस कोर्स को छोड़ देती थीं। इस परेशानी को देखते हुए पूर्व शिक्षामंत्री स्मृति ईरानी ने नियम बदलकर ऐसा कर दिया कि आधा कोर्स पूरा होने के बाद यदि शहर बदले तो अन्य विश्वविद्यालय में छात्राओं को नए सिरे से दाखिला नहीं लेना होगा, वही कोर्स जारी रहेगा।