कुशीनगर में माध्यमिक स्कूलों में फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले शिक्षकों का फर्जीवाड़ा परत दर परत उजागर हो रहा है। एक साल पूर्व बीएड की फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले दो शिक्षकों के खिलाफ माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा था।
एक साल पूर्व जिले के 55 एडेड व 19 राजकीय व संस्कृत बोर्ड से संचालित स्कूलों में तैनात शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच अपर मुख्य सचिव उप्र शासन के निर्देश पर कराई गई। पिछले 31 जुलाई को तत्कालीन डीएम भूपेंद्र एस चौधरी की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल एडीएम, डीआईओएस, प्रधानाचार्य अक्षैयबर पांडेय व सरोज दुबे के द्वारा शिक्षक व शिक्षिकाओं के प्रमाण पत्रों का बोर्ड व विश्वविद्यालय स्तर पर जांच कराई गई। इसमें गंगा बक्स कानोडिया गांधी इंटरमीडिएट कॉलेज कप्तानगंज में तैनात सहायक अध्यापक देवेंद्र कुमार पांडेय तथा जनता इंटरमीडिएट कॉलेज रामकोला में तैनात सहायक अध्यापक अशोक सिंह का बीएड की डिग्री फर्जी मिली। एडीएम के निर्देश पर तत्कालीन डीआईओएस उदयप्रकाश मिश्र ने दोनों शिक्षकों का वेतन रोककर संबंधित प्रबंधक के माध्यम से थाने में केस दर्ज कराया गया। दोनों प्रबंधकों से प्राप्त हुआ सेवा समाप्ति के प्रस्ताव को डीआईओएस ने अनुमोदित कर शासन को भेज दिया था। इस मामले में शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय ने बंगा बक्स कानोडिया गांधी इंटरमीडिएट कॉलेज के सहायक अध्यापक देवेंद्र पांडेय की सुनवाई पूरी कर इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा 16 ई 10 के तहत तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्त किया है। वहीं जनता इंटरमीडिएट कॉलेज रामकोला में तैनात सहायक अध्यापक अशोक सिंह की सेवा समाप्ति की प्रक्रिया गतिमान है। देवेंद्र कप्तानगंज में 1995 से तथा अशोक सिंह रामकोला में 1993 से कार्यरत थे।